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(Application In Hindi) :
पत्र का शाब्दिक अर्थ होता है – ऐसा कागज जिस पर कोई बात लिखी या छपी हो। पत्र लेखन के माध्यम से हम अपने भावों और विचारों को व्यक्त कर सकते हैं। पत्रों के माध्यम से एक व्यक्ति अपनी बातों को लिखकर दूसरों तक पहुँचा सकता है। पत्र को अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम भी माना जाता है। इससे अपनी बातों को लिखकर बहुत दूर तक पहुंचाया जा सकता है। जिन बातों को लोग कहने में हिचकिचाते हैं उन बातों को पत्रों के माध्यम से आसानी से समझाया या कहा जा सकता है।
पत्र लेखन का प्रयोग बहुत से कामों में किया जाता है। आजकल हमारे पास हाल-चाल पूछने के लिए बहुत से आधुनिक साधन हैं। लकिन बहुत से कार्यों में पत्र लेखन ही करना पड़ता है। पत्र लेखन बहुत ही पुराना साधन है। पहले आधुनिक साधन नहीं थे इसलिए पत्रों के माध्यम से ही एक-दूसरे से बात हुआ करती थी। इसे कला की संज्ञा दी जाती है। पत्रों में आजकल कलात्मक अभिव्यक्तियाँ हो रही हैं।
साहित्य में भी इनका प्रयोग किया जाने लगा है। एक अच्छा पत्र लिखने क लिए कलात्मक सौन्दर्यबोधक भावनाओं का अभिव्यंजन किया जाता है। एक पत्र के द्वारा लेखक की भावनाएं नहीं बल्कि उसका व्यक्तित्व भी उभरता है। पत्र लेखन से हम व्यक्ति के चरित्र , दृष्टिकोन , संस्कार , मानसिक , स्थिति , आचरण का पता चलता है। इस तरह की अभिव्यक्ति व्यवसायिक पत्रों की अपेक्षा सामाजिक और साहित्यिक पत्रों में ज्यादा किया जाता है।
1. पत्र को साहित्य की वह विद्या माना जाता है इससे मनुष्य समाज में रहते हुए अपने भावों और विचारों को दूसरों से संप्रेषित करने के लिए पत्रों का प्रयोग किया जाता है। अत: व्यावसायिक , सामाजिक , कार्यालय से संबंधित विचारों को पत्रों के माध्यम से ही व्यक्त किया जाता है।
2. पत्रों के माध्यम से मित्रों और परिजनों के साथ संबंध स्थापित किये जा सकते हैं। इनके माध्यम से मनुष्य प्रेम , सहानुभूति , क्रोध प्रकट किये जा सकते हैं।
3. जब कार्यालय और व्यवसाय मे मुद्रित रूप में पत्रों का विशेष प्रयोग किया जाता है। मुद्रित रूप के पत्रों को सुरक्षित रखा जा सकता है।
4. छात्रों क जीवन में भी पत्रों का बहुत महत्व होता है। छात्र को अवकाश लेने , फ़ीस माफ़ी , स्कूल छोड़ने , स्कोलरशिप पाने , व्यवसाय चुनने , नौकरी पाने के लिए पत्र की जरूरत पडती है।
5. पत्रों के द्वारा सामाजिक संबंधों को मजबूत किया जाता है। पत्र को भविष्य का दस्तावेज भी कहा जा सकता है।
पत्र लेखन के लिए आवश्यक बातें :
(1) जिसके लिए पत्र लिखा जाता है उसके लिए शिष्टाचार पूर्ण शब्दों का प्रयोग करने चाहिए।
(2) पत्र में ह्रदय के भाव स्पष्ट दिखाई देने चाहिए। (3) पत्र की भाषा आसान और स्पष्ट होनी चाहिए। (4) पत्र में बेकार बातें नहीं लिखनी चाहिए उसमे मुख्य विषय के बारे में ही बातें लिखी जाती हैं। (5) पत्र में आशय स्पष्ट करने के लिए छोटे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। (6) पत्र लिखने के बाद उससे दुबारा जरुर पढना चाहिए। (7) पत्र प्राप्तकर्ता की आयु , संबंध और योग्यता को ध्यान में रखकर भाषा का प्रयोग करना होता है। (8) अनावश्क विस्तार से हमेशा बचना चाहिए। (9) पत्र में लिखा हुआ लेख साफ व स्वच्छ होना चाहिए। (10) भेजने वाले और प्राप्त करने वाले का पता साफ लिखा होना चाहिए। पत्रों के प्रकार (Types of letters In Hindi) :
(1) निजी पत्र – Personal Letter
(2) प्रार्थना पत्र – Request Letter (3) व्यवसायिक पत्र – Business Letter (4) सरकारी पत्र – Official Letter
1) Format of निजी पत्र – Personal Letter
In personal letter, please take care that the address and date comes upper right side of the letter. The format is: (व्यक्तिगत पत्र में, कृपया ध्यान रखें कि पता और तिथि पत्र के ऊपरी दाईं ओर आती हैं। व्यक्तिगत पत्र का Format इस प्रकार है) :
कश्मीरी गेट,
नई दिल्ली – 110001, भारत 25th जुलाई, 2017
प्रिय मित्र,
नमस्कार/नमस्ते!
————————– संदेश (Message) ————————
तुम्हारा मित्र,
शिवम्
2) Format of प्रार्थना पत्र – Request Letter
सेवा में,
श्रीमान प्रधानाचार्य जी, …..पब्लिक स्कूल, कृष्णा कालोनी, भिवानी
विषय : बीमारी के कारण चार दिन के अवकाश हेतु।
आदरणीय/मान्यवर महोदय,
————————– संदेश (Message) ————————
धन्यवाद,
दिनांक : 25th जुलाई, 2017
आपका आज्ञाकारी
शिवम् अत्री, कक्षा: आठवी ‘क’
3) Format of व्यवसायिक पत्र – Business Letter
Writing to a publishing house asking for the information on the availability of new novels. (नए उपन्यासों की उपलब्धता के बारे में जानकारी देने के लिए एक प्रकाशन घर पर लेखन) :
सेवा में,
प्रबंधक महोदय, राम पब्लिशिंग हाउस, कनॉट प्लेस, दिल्ली
विषय : नये उपन्यास की उपलब्धता।
मान्यवर,
————————– संदेश (Message) ————————
धन्यवाद,
कश्मीरी गेट, नई दिल्ली – 110001, दिनांक : 25th जुलाई, 2017
भवदीय
शिवम् अत्री
4) Format of सरकारी पत्र – Official Letter
Writing a letter to the regional income tax officer on a mistake in income tax account for the current year.(चालू वर्ष के लिए आयकर खाते में एक गलती पर क्षेत्रीय आयकर अधिकारी को एक पत्र लिखना।) :
सेवा में,
श्रीयुत आयकर आधिकारी, नई दिल्ली विभाग, नई दिल्ली
विषय : आयकर में त्रुटि।
मान्यवर,
————————– संदेश (Message) ————————
धन्यवाद,
कश्मीरी गेट, नई दिल्ली – 110001, दिनांक : 25th जुलाई, 2017
भवदीय
शिवम् अत्री |
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